Sugarcane Top 5 variety 2024:गन्ना एक ऐसी फसल है जो तेज बारिश, सूखा सहित सभी प्रकार की मौसमी परिस्थितियों में भी बेहतर पैदावार देती है। तो आज हम आपको गन्ने की पांच ऐसी उन्नत किस्मों के बारे में बताएंगे जिससे अच्छा उत्पादन होगा। ये किस्में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं.
जैसा की आप सभी जानते हैं. इस समय देशभर में किसान रबी की फसल की बुआई कर रहे हैं। इस बार गन्ने की खेती पर खास फोकस है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में गन्ने की खेती बड़ी मात्रा में होती है। ऐसे में किसान हर बार अधिक उत्पादन के लिए प्रयास करते हैं। आज हम आपको गन्ने की पांच उन्नत किस्मों के बारे में बताएंगे जो अच्छा उत्पादन देंगी…
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गन्ने की कोलख 16202 वेरायटी
किसान भाइयों आप गन्ने की इस किस्म की बुवाई अक्तूबर से नवंबर तक कर सकते हैं। 16202 किस्म भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी की गई है। गन्ने कि इस किस्म को कोयंबटूर और लखनऊ गन्ना प्रजनन केंद्रों के सहयोग से विकसित किया गया है। 16202 किस्म उकठा और लाल सड़न रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इससे प्रति हेक्टेयर 92.8 टन तक उपज प्राप्त की जा सकती है। इस गन्ने की किस्म में शर्करा की मात्रा 13.57 प्रतिशत है। यह किस्म विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों के लिए तैयार की गई है।
गन्ने कि किस्म कोलख 14201
किसान भाइयों गन्ने कि किस्म कोल्ख 14201 मोटी और हल्के पीले रंग की होती है। इसमें चीनी की मात्रा 18.60% और पोल प्रतिशत 14.55% होता है। गन्ने की इस किस्म में बोरर कीटों का प्रकोप कम होता है। गन्ने की कोल्ख 14201 किस्म से लगभग 95 टन उपज प्राप्त की जा सकती है।
गन्ने की वेरायटी को.शा.18231
किसान भाइयों गन्ने की ये किस्म उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद द्वारा विकसित की गई है। इस किस्म के गन्ने से प्रति हेक्टेयर 90.16 टन तक उपज प्राप्त की जा सकती है। इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है। इसमें शर्करा प्रतिशत और पोल प्रतिशत भी अधिक पाया गया है।
गन्ने की अगेती को.शा.13235 वेरायटी
किसान भाइयों को.शा. 13235 किस्म का गन्ना सीधा, मोटा और हल्का हरा-सफेद दिखता है। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 81 से 92 टन उपज प्राप्त की जा सकती है। गन्ने की यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। इस किस्म की खास बात यह है कि इसमें कीटों और बीमारियों का खतरा कम होता है। आप गन्ने की इस किस्म की पैदाबार करके अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं.
गन्ने की CO.15023 variety
किसान भाइयों गन्ने की CO.15023 variety में चीनी की मात्रा अधिक होती है। यह गन्ना बहुत मीठा होता है और इसमें रस की मात्रा भी अधिक होती है। इस किस्म के गन्ने का इस्तेमाल कोल्हू पर गुड़ बनाने के लिए सबसे अधिक किया जाता है। किसानों के अनुसार अब तक की पेराई में 15023 किस्म ने रिकवरी के मामले में सभी गन्ना किस्मों को पीछे छोड़ दिया है। चीनी मिलों में इस किस्म की रिकवरी एक प्रतिशत अधिक है और कोल्हू पर प्रति क्विंटल एक किलोग्राम अधिक गुड़ का उत्पादन होता है।
गन्ना बुबाई के समय किया डालें,किसान
किसान भाइयों डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि फसल बोने से पहले खेत की अंतिम जुताई के दौरान इस जैविक उत्पाद का इस्तेमाल करना चाहिए। किसानों को जैविक उत्पाद बैसिलस बेसियाना और मेटारिज़ियम एनीसोप्लाई का 2.5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करना चाहिए। इसे सड़ी हुई गोबर या मिट्टी के साथ मिलाकर पूरे खेत में फैला दें। इसके बाद खेत की अंतिम जुताई करके फसल बो दें। ऐसा करने से किसानों की रासायनिक उत्पादों पर निर्भरता कम होगी।
गन्ने की बुबाई के समय इन बातों का ख्याल रखें
- किसान भाइयों गन्ना बोते समय खेत की मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए।
- बुवाई के समय गन्ने की पंक्तियों के बीच की दूरी 60 सेमी होनी चाहिए, ताकि पौधों को ग्रोथ के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। जिसे पैदाबार अच्छी हों.
- ध्यान दे आपको गन्ने की खेती में नाइट्रोजन, पोटेशियम, सल्फर और आयरन जैसे पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- किसान गन्ने की खेती में लाल सड़न रोग की रोकथाम के लिए लाल सड़न प्रभावित किस्मों की बुवाई नहीं करनी चाहिए।
- गन्ने की फसल की सुरक्षा, सिंचाई, निराई-गुड़ाई और समय पर बाँधाई पर ध्यान देना चाहिए।
- गन्ने की खेती में मिट्टी की जाँच के बाद दिए गए सुझाव के अनुसार फॉस्फेट या पोटाश डालना चाहिए।
Note:- किसान भाइयों आपको हमरी वेबसाइट caneup.site पर गन्ने की फसल से समन्धित जाकारी मिलते रहे गई, अधिक जानकारी के आप caneup.site को फॉलो कर सकते हैं.