sugarcane price in up 2024-25:गन्ना पेराई सीजन 2024 25 शुरू चुका है। लेकिन किसानों की समस्या अभी भी गन्ना बकाया भुगतान एवं गन्ने के दामों में बढ़ोतरी को लेकर बनी हुई है। जिसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राकेश टिकैत जी ने एक न्यूज़ चैनल की खास बातचीत में यूपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि बढ़ती हुई महंगाई एवं इस वर्ष गन्ने की फसल में रोगों द्वारा हुए नुकसान तो देखते हुए। कहां की गन्ने का मूल्य₹500 रुपए प्रति क्विंटल किया जाना चहिए। साथ ही पिछले वर्षो का भुगतान भी ब्याज सहित कराया जाए।
गन्ना उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्यों मे आता हैं साथ ही प्रदेश में इस वर्ष का गन्ना पेराई सत्र शुरू हो चुका है। किंतु अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (SAP) घोषित नहीं किया है। यदि कायदे से किसानों को फसल की बुवाई से पहले ही फसल का मूल्य पता होना चाहिए। यूपी की 70 चीनी मिलो ने इस वर्ष की गन्ना खरीद शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त प्रभु नरायण सिंह ने बताया बीते कुछ सालों के इतिहास पर गौर क्या जाए तो आपको मालूम हो जाएगा की गन्ना मूल्य कब बढ़ाया जाता है। गन्ना आयुक्त प्रभु नरायण सिंह ने बताया कि तीन कमेठी इस निर्णय को लेते है। नंबर 1 गन्ना विभाग की तरफ से प्रस्ताव मुख्य सचिवक भेजा जाता है। वहां से कैबिनेट बैठक के बाद सरकार फैसला लेती है.
Note:- सरकार किसानों को ट्यूबवेल लगाने के लिए दे रही है 80% सब्सिडी, यहाँ से करें आवेदन
सरकार इन महीना में बढ़ा सकती है। गन्ने के दाम
गन्ना आयुक्त प्रभु नारायण सिंह बताते हैं कि यूपी की सारी चीनी मिल पहले पूरी तरह से चालू हो जाएं , उसके बाद गन्ने के मूल्य को लेकर निर्णय लिया जाता है। कहां की किसानों के हित में निर्णय लेने में लगभग 2 से 3 महीने तक का समय लगता है। इसके अनुसार कहा जा सकता है। कि आने वाले दो से तीन महीना मैं उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी कर सकती है
मुख्य वजह किसान संगठनों में आया बिखराव – राकेश टिकैत
खबरों की मानें तो भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से एक न्यूज़ की खास बात चीत मैं यूपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि वर्तमान समय में बढती हुई महंगाई एवं लागत को देखते हुए सरकार गन्ने का मूल्य ₹500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित क्या जाएं और साथ ही पिछले वर्षों का गन्ना भुगतान भी ब्याज सहित किसानों को दिया जाए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गन्ने की मूल्य को लेकर सरकार इस वर्ष खास सक्रिय नहीं दिख रही है। बताया कि इसका मुख्य करण किसान संगठनों में आया बिखराव भी एक बड़ी वजह है। बताया कि सरकार किसानों को एक जूट नहीं देख सकती। ऐसे में सरकार किसानों को कई संगठनों में बाट कर अपनी राजनीति करना चाहती है.
भाजपा सरकार ने 7 सालों में सिर्फ 55 रुपए बढ़ाया मूल्य
हम आपको बता दें कि भाजपा सरकार के पिछले 7 साल के कार्यकाल में सिर्फ 55 रुपए बढ़ाए गए है.बता दें कि 2017 के बाद यह तीसरा मौका है जब योगी सरकार ने गन्ने के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। 2017 में जब पहली बार भाजपा की सरकार बनी थी तो गन्ने के समर्थन मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले 2021 में गन्ने के मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई। इस तरह पिछले सात सालों में योगी सरकार गन्ने के समर्थन मूल्य में 55 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर चुकी है। उत्तर प्रदेश की कुल 120 चीनी मिलों में से निजी क्षेत्र 93 मिलों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद सहकारी क्षेत्र 24 इकाइयों के साथ और उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम (यूपीएसएससी) तीन के साथ दूसरे स्थान पर है।
ध्यान दें:- सभी किसान भाइयों को यह सूचित किया जाता है कि खेतों में सभी फसलों की जानकारी एवं अधिक पैदावार कैसे की जाती है इन सभी बातों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाईट caneup.site से जुड़े रहे।
cane up.in:2024 में शरदकालीन गन्ना ख़ेती के लिए इन टॉप 5 किस्मों की बुवाई करे किसान , मिलेगी 95 टन पैदावार