Sugarcane Farming:किसानों को शरदकालीन गन्ने कि खेती लिए मिलेंगे नई किस्मों के बीज,यहां करें संपर्क

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Sugarcane Farming:किसान भाइयों किया आप भी शरदकालीन गन्ने कि खेती करने करने की सोच रहे हैं.तो आज हम आपको गन्ने कि कुछ नई किस्मों के बारे में बताएंगे

Sugarcane Farming:किसानों को शरदकालीन गन्ने कि खेती लिए मिलेंगे नई किस्मों के बीज,यहां करें संपर्क
Sugarcane Farming:किसानों को शरदकालीन गन्ने कि खेती लिए मिलेंगे नई किस्मों के बीज,यहां करें संपर्क

धान की फसल काटने के बाद अब किसान शरदकालीन गन्ने की बुवाई में लग गए हैं। शरदकालीन गन्ने की खेती किसानों को कई तरह से फायदा पहुंचाती है। अक्टूबर और नवंबर के महीने में शरदकालीन गन्ने की फसल उगाने से किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है। वहीं चीनी मिलें भी शरदकालीन गन्ने को खरीदना पसंद करती हैं। साथ ही किसान शरदकालीन गन्ने के साथ मिश्रित फसल भी कर सकते हैं। किसानों को उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए ताकि शरदकालीन गन्ने की खेती से उन्हें अधिक उत्पादन मिल सके। सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी विभाग ने अलग-अलग जिलों को गन्ने के बीज आवंटित कर दिए हैं। आइए ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के जरिए जानते हैं किस जिले को कौन सी किस्म और कितने बीज आवंटित किए गए हैं।

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गन्ना किसानों को ब्रीडर शीड आवंटित 

गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु नारायण सिंह के अनुसार शरदकालीन गन्ना बुवाई के लिए किसानों को प्रजनक बीज आवंटित कर दिया गया है। बुवाई वर्ष 2024-25 के लिए गन्ना उत्पादक जिलों को प्रजातिवार उच्च श्रेणी का गन्ना बीज आवंटित किया जा रहा है।

आयुक्त ने बताया कि शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के अंतर्गत शोध प्रक्षेत्रों, निजी एवं सहकारी चीनी मिल प्रक्षेत्रों तथा कृषक प्रक्षेत्रों पर उत्पादित प्रजनक बीज की बुवाई के लिए गन्ना बीज की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

जानिए किस क्षेत्र को बुवाई के लिए कितने मिले बीज 

गन्ने की शरदकालीन बुवाई के लिए सहारनपुर परिक्षेत्र को 7342 क्विंटल, मेरठ परिक्षेत्र को 5617 क्विंटल, मुरादाबाद परिक्षेत्र को 8578 क्विंटल, बरेली परिक्षेत्र को 11368 क्विंटल, लखनऊ परिक्षेत्र को 12239 क्विंटल, अयोध्या परिक्षेत्र को 1990 क्विंटल, देवीपाटन परिक्षेत्र को 4912 क्विंटल, गोरखपुर परिक्षेत्र को 4771 क्विंटल एवं देवरिया परिक्षेत्र को 4688 क्विंटल गन्ना का बीज आवंटन किया गया है।

आवंटन की गई गन्ने की किस्में 

किसान भाइयों सिंगल बड विधि से नवीन गन्ना प्रजातियों की बुवाई के सम्बन्ध में आयुक्त ने बताया कि आगामी वर्षों में गन्ना बीज की अधिक एवं शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सहारनपुर क्षेत्र को गन्ना प्रजाति को.शा. 16202 के 1.50 लाख, को.शा. 17231 के 12.17 लाख, मेरठ क्षेत्र को को.शा. 16202 के 1.80 लाख, को.शा. 17231 के 11.70 लाख, मुरादाबाद क्षेत्र को को.शा. 16202 के 2.70 लाख, को.शा. 17231 के 23.20 लाख, बरेली क्षेत्र को को.शा. 16202 के 2.00 लाख, को.शा. 17231 के 20.70 लाख, मुजफ्फरनगर क्षेत्र को को.शा. 16202 के 2.00 लाख, मुजफ्फरनगर क्षेत्र को को.शा. 16202 के 2.00 लाख, मुजफ्फरनगर क्षेत्र को को.शा. 16202 के 2.00 लाख, मुरादाबाद क्षेत्र को को.शा. 16202 के 2.00 लाख, बरेली क्षेत्र को को.शा. 16202 के 2.00 लाख, मुजफ्फरनगर … उपलब्ध कराये गये हैं। लखनऊ क्षेत्र को का. 16202 आवंटित किया गया है। अयोध्या क्षेत्र को का. 17231 की 19.80 लाख कलियाँ, अयोध्या क्षेत्र को का. 17231 की 9.80 लाख कलियाँ, देवीपाटन क्षेत्र को का. 17231 की 7.50 लाख कलियाँ, गोरखपुर क्षेत्र को का. 15466 की 3.00 लाख कलियाँ, देवरिया क्षेत्र को का. 17231 की 3.62 लाख कलियाँ तथा का. 15466 की 2.00 लाख कलियाँ तथा का. 17231 की 6.10 लाख कलियाँ आवंटित की गयी हैं। इस प्रकार का. 15466 की 5 लाख कलियाँ (बीज), का. 16202 की 10 लाख कलियाँ तथा का. 17231 की 114.59 लाख कलियाँ (बीज) आवंटित की गयी हैं।

खेत पर ही तयार होगी बीज की पौधशालाएं 

गन्ना आयुक्त ने बताया कि त्रिस्तरीय बीज उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत वितरित उत्कृष्ट बीज गन्ना से कृषकों के प्रक्षेत्रों पर आधार नर्सरियां स्थापित की जाएंगी तथा आगामी गन्ना बुवाई हेतु स्वस्थ एवं रोगमुक्त बीज गन्ना की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे प्रदेश के गन्ना एवं चीनी उत्पादन में वृद्धि होगी।

किसानों कैसे प्राप्त करे गन्ने की नई किस्में 

किसान भाइयों शरदकालीन गन्ना बुवाई में स्वस्थ बीज का प्रयोग किया जाना चाहिए।गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी गन्ना किसान अपने जिले के जिला गन्ना अधिकारी एवं ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक से सम्पर्क कर अपनी आवश्यकतानुसार बीज प्राप्त कर सकते हैं।

शरदकालीन और बसंत कालीन गन्ने की खेती के फायदे 

गन्ना किसान गन्ने की शरदकालीन और बंसत कालीन खेती करते हैं। ऐसा माना जाता है की शरदकालीन बेहद फायदेमंद होती है. इसके पीछे कई कारण है जो इस प्रकार है :

  • गन्ने की पैदाबार के मामले में शरदकालीन गन्ने की बुवाई बसंतकालीन गन्ने के मुकाबले बेहद अच्छी रहती है।
  • शरदकालीन बुबाई से किसानों को गन्ने में अच्छा जमाव मिलता है।
  • किसानो का मानना हैं.कि शरदकालीन गन्ने में बसंत कालीन गन्ने के मुकाबले बेहद कम लागत लगानी पड़ती है।
  • शरदकालीन गन्ने को पकने के लिए अधिक समय मिलता है।
  • शरदकालीन गन्ने की बुवाई से मिलो द्वारा मिलने वाली गन्ना पर्ची बसंतकालीन खेती के मुकाबले पहले दे जाती है.
  • किया आप जानते हैं शरदकालीन गन्ने की बुवाई से चीनी मिलों को भी फायदा होता है. 0.5 इकाई चीनी परता भी ज्यादा मिलता है।
  • किसान शरद काल में बोए हुए गन्ने में सहफसली उगाकर किसान अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं.
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