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Cane UP:गन्ना समितियों के जो नये सदस्य 30 सितम्बर 2024 तक नियमानुसार बन जायेंगे, उन्हें (Good News) पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना आपूर्ति की सुविधा दी जायेगी।गन्ने की खेती में उत्पादकता बढ़ाने एवं जल संरक्षण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करने वाले गन्ना किसानों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी गयी है। चलिए जानते है इस के बारे में
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यूपी सरकार ने गन्ना किसानों के कल्याण एवं विकास को ध्यान में रखते हुए पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। यह जानकारी देते हुए उप्र के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गन्ना किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसी कड़ी में चालू वित्तीय वर्ष के लिए जारी गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति में गन्ना किसानों के लिए विभिन्न प्रकार के सुविधाजनक एवं लाभकारी प्रावधान किए गए हैं।
चौधरी ने बताया कि पहली बार गन्ना समिति के नए कृषक सदस्यों को संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता के 65 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, की सीमा तक पेराई सत्र 2023-24 में गन्ना सट्टा का लाभ दिया जाएगा। पहली बार नए समिति सदस्यों, जिनके पास रटून या शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्चियां 6वें पक्ष में तथा जिनके पास रटून या शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्चियां 7वें पक्ष में लगाई जाएंगी। गन्ना समिति के 30 सितम्बर 2024 तक बनाये गये नये सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों की जांच कर उन्हें नियमानुसार सदस्यता प्रदान करने तथा उनके सट्टे लगाने के बाद 15 नवम्बर तक अंतिम कैलेंडर लाइव कर दिया जायेगा।
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किन किसानों को किया जाएगा शामिल
चौधरी ने बताया कि गन्ना समितियों के जो नवीन सदस्य 30 सितम्बर 2024 तक नियमानुसार बन जायेंगे, उन्हें पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना आपूर्ति की सुविधा दी जायेगी। गन्ना आपूर्ति नीति में लघु गन्ना कृषकों की आपूर्ति के दृष्टिगत 72 कुण्टल तक के गन्ना कृषकों को लघु कृषकों की श्रेणी में सम्मिलित किया जायेगा तथा लघु गन्ना कृषकों के रटून गन्ने की पर्चियां 01 से 03 चरण में तथा पौध गन्ने की पर्चियां 07 से 09 चरण में जारी की जायेंगी। प्रथम बार लघु गन्ना कृषकों, जिनका सट्टा 36 कुण्टल तक है, को प्रथम चरण में रटून गन्ने की पर्चियां तथा सातवें चरण में पौध गन्ने की पर्चियां जारी किये जाने की विशेष सुविधा प्रदान करना अनिवार्य किया गया है।
इन किसानों को मिलेगी प्राथमिकता
चौधरी ने बताया कि गन्ने की खेती में उत्पादकता बढ़ाने और जल संरक्षण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करने वाले गन्ना किसानों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी गई है। लेकिन अस्वीकृत प्रजातियों के गन्ने को अतिरिक्त सट्टे में शामिल नहीं किया जाएगा। पहली बार किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए 6 पार्टी से रतन और शरदकालीन पौधे रखने वाले किसानों को अतिरिक्त सट्टे की सुविधा प्रदान की जाएगी। अतिरिक्त सट्टे की सुविधा गन्ना किसानों को मुफ्त में दी जाएगी।
यांत्रिक तरीके से गन्ना कटाई की अनुमति दी गई
चौधरी ने बताया कि सट्टा नीति में पहली बार नये प्रयोग के तहत नई तकनीक से यांत्रिक गन्ना कटाई की अनुमति प्रदान की गई है। इस सम्बन्ध में जो चीनी मिलें पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपने क्षेत्र में यांत्रिक गन्ना कटाई प्रारम्भ करना चाहती हैं, वे इच्छुक कृषकों से यांत्रिक गन्ना कटाई से सम्बन्धित बिन्दुओं जैसे यांत्रिक गन्ना कटाई दर एवं बाह्य सामग्री आदि पर सहमति प्राप्त कर गन्ना क्रियान्वयन समिति के विचारार्थ प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगी, जिस पर गन्ना क्रियान्वयन समिति सम्बन्धित सहकारी गन्ना विकास समिति के सचिव से आवश्यक विचार-विमर्श के उपरान्त यांत्रिक गन्ना कटाई के सम्बन्ध में निर्णय लेगी।
किसानों के लिए टोल फ्री नंबर
चौधरी ने बताया कि शिकायत निवारण प्रणाली के अन्तर्गत किसानों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसमें स्थापित टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर किसान सीधे अपनी शिकायत दर्ज कराकर उसका समाधान करा सकते हैं। गन्ना विकास विभाग पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिलों को समय से एवं सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था कर रहा है, ताकि गन्ना किसानों को पेराई सत्र के दौरान असुविधाओं का सामना न करना पड़े।