BCML cane up:वर्तमान समय में गन्ने की कुछ किस्मों में आ रहे खतरनाक रोगों को देखते हुए सरकार ने नई गन्ना किस्म सीओ-15023 को बढ़ावा देने का निर्णय लिया तो चलिए जानते हैं गन्ने की इस क़िस्म बारे में
इस समय में नई गन्ना किस्म सीओ-15023 को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। खबरों के माने तो कृषि विभाग ने यह निर्णय गन्ना किस्म सीओ-238 में लाल सड़न जैसी बीमारियों से किसानों को राहत दिलाने के लिए लिया है। पिछले साल हरियाणा में 3.50 लाख एकड़ में गन्ने की खेती की गई थी, जबकि इस साल यह घटकर 2.96 लाख एकड़ रह गई है, जो करीब 15 फीसदी कम है। बीमारियों के कारण कई किसानों ने गन्ना उगाना बंद कर दिया है, जिसका नकारात्मक प्रभाव चीनी मिलों पर भी पड़ा है और चीनी उत्पादन प्रभावित हुआ है।
सरकार ने अब उस किस्म के बजाय गन्ने की नई किस्म को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है, जिसमें बीमारियों का खतरा कम है। सहायक गन्ना विकास अधिकारी डॉ. सूरजभान ने बताया कि नई गन्ना किस्म सीओ-15023 को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 5 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि दी जाएगी। यह राशि गन्ना तकनीकी परियोजना के तहत दी जाएगी।
Note:- गन्ना क्रय केन्द्र रामपुर चीनी मिल से जोड़ने के लिए किसानों की मांग
डॉ. सूरजभान ने किया कहां
डॉ. सूरजभान ने आगे बताया कि यदि किसान वर्ष 2024-25 में अधिसूचित/अनुशंसित गन्ने की किस्मों को चौड़ी विधि (4 फीट या उससे अधिक) में बोता है तो उसे 3 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान मिलेगा। यदि किसान सिंगल बड/चिप विधि से गन्ना बोता है तो उसे भी 3 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा।
गन्ने की बुवाई से पहले खेत में कौन सी खाद डालें,किसान
डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि फसल बोने से पहले खेत की अंतिम जुताई के दौरान इस जैविक उत्पाद का इस्तेमाल करना चाहिए। किसानों को जैविक उत्पाद बैसिलस बेसियाना और मेटारिज़ियम एनीसोप्लाई का 2.5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करना चाहिए। इसे सड़ी हुई गोबर या मिट्टी के साथ मिलाकर पूरे खेत में फैला दें। इसके बाद खेत की अंतिम जुताई करके फसल बो दें। ऐसा करने से किसानों की रासायनिक उत्पादों पर निर्भरता कम होगी।